सतत विकास लक्ष्यों को आकार देने में भारत की भूमिका

Authors

  • नीशू वर्मा शोधार्थिनी, एम0 जे0 पी0 आर0 यू0, बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत
  • डॉ0 प्रवेश कुमार विभागाध्यक्ष, शिक्षक शिक्षा संकाय, राजकीय रजा पी0 जी0 कॉलेज, रामपुर, उत्तर प्रदेश, भारत

Keywords:

सतत विकास, लक्ष्य, भारत

Abstract

भारत में सतत विकास का लक्ष्य समृद्धि और समाज की सामर्थ्यवादी विकास को प्रोत्साहित करना होता है। यह विकास न केवल आर्थिक विकास को संकल्पित करता है, बल्कि साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक विकास को भी समाहित करता है। भारत सरकार ने अनेक योजनाओं को शुरू किया है जो समृद्धि, समावेशी विकास, और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं। इनमें से कुछ मुख्य योजनाएं जैसे मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत, और डिजिटल इंडिया हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में विकास को संभालने के लिए कार्य कर रही हैं। विकास का अर्थ यह नहीं है कि केवल आर्थिक स्तर पर गति हो, बल्कि इसका ध्यान सामाजिक न्याय, जल, वन, और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास को भी मिलना चाहिए। इस प्रकार, सतत विकास का लक्ष्य है एक समृद्ध, समावेशी, और समृद्ध भारत की सामर्थ्यवादी निर्माण को प्रोत्साहित करना।

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Published

2024-03-30

How to Cite

[1]
वर्मा न. and कुमार प., “सतत विकास लक्ष्यों को आकार देने में भारत की भूमिका”, J. Soc. Rev. Dev., vol. 3, no. Special 1, pp. 68–70, Mar. 2024.