वैश्विक साझेदारीः आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भारत की सहयोगात्मक पहल

Authors

  • डॉ॰ प्रवेश कुमार विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
  • श्रीमति कुसुम शोधार्थिनी, शिक्षा शास्त्र, महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत

Keywords:

एक जुटता, आर्थिक सहयोग, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक सहयोग, स्वस्थ्य सुरक्षा व रक्षा सहयोग

Abstract

विविधता में एकताः जैसा कि हम जानते हैं कि भारत विविधता में एकता के लिए विश्व पटल पर जाना जाता है। भारत शब्द और भावना दोनों में बहुवचन है। विविधता में एकता का अर्थ है कि विभिन्न जातियों और समुदायों के लोगों की संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का एक भव्य मिश्रण जिसने कई विदेशी आक्रमणों के बावजूद अपनी एकता और एकजुटता को बरकरार रखा है।
तीव्र आर्थिक और सामाजिक असमानताओं के बावजूद एकता और अखंडता कायम रखी गई है। यह वह मिश्रण है जिसने भारत को संस्कृति की एक अनूठी मिशाल बना दिया है। इस प्रकार, भारत एक एकीकृत सांस्कृतिक संपूर्ण ढांचे के भीतर बहुसांस्कृतिक स्थितियों का प्रतिनिधित्व करता है।
‘एकता’ शब्द का अर्थ एकीकरण है, जो ‘हम-पन’’ के सार पर जोर देता है। विविधता में एकता का मूल अर्थ है ‘एकरुपता के बिना एकता’ और ‘‘विखंडन के बिना विविधता’’।
बहुपक्षीय सहयोग से तात्पर्य है कि कई देशों या देशों के समूहों के बीच एक कानूनी समझौता है, जो उदारीकृत दरों पर सदस्य देशों के बीच विभिन्न वस्तुओं, मूलभूत आवश्यकताओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए एक साथ एक मंच पर नियमानुसार आपसी सहयोग करना होता है।
हाल के पिछले कुछ वर्षों से भारत लगातार एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, और जी-20 की भगीदारी में इसका नेतृत्व विश्व मंच पर इसके बढ़ते प्रभाव का साश्वत प्रमाण है। भारत दुनिया का प्रथम सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जो एक विशाल और गतिशील श्रम शक्ति प्रदान करता है। इसके आर्थिक विकास, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।
भारत अपने मित्र राष्ट्रों और अन्य सहयोगी राष्ट्रों के साथ आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, तकनीकि, वैज्ञानिक, स्वथ्य सेवाओं आदि के आदान-प्रदान के लिए हमेशा तत्पर है। जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता इसका जीवन्त उदाहरण है।

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इन्टरनेट एवं अन्य लेखकों के अध्ययन के सहयोग से।

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Published

2024-03-30

How to Cite

[1]
कुमार प. . and कुसुम, “वैश्विक साझेदारीः आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भारत की सहयोगात्मक पहल”, J. Soc. Rev. Dev., vol. 3, no. Special 1, pp. 56–59, Mar. 2024.