भोटिया समुदाय के मध्य शिक्षा और साक्षरता : एक अध्ययन
Keywords:
भोटिया समुदाय, उत्तराखंड, नेपाल और तिब्बत, औपचारिक शिक्षा, साक्षरता दरAbstract
मुख्य रूप से भारत के हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले भोटिया समुदाय की एक अलग सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत है। उत्तराखण्ड की भोटिया जनजाति एक परम्परा का अविष्कार है। अपनी सर्वाधिक ऊँचाई और विशालकाय स्वरूप जैसी विशेषताओं के कारण यदि हिमालय भारत वर्ष का सरताज कहलाता है तो इसके मूल निवासी भोटिया समुदाय को उसकी प्रगतिशीलता, उद्यमशीलता तथा सांस्कृतिक विशेषताओं को देखते हुए भारत की आदिम जाति समुदाय का सरताज अवश्य कहा जा सकता है। मध्य हिमालय की भोटिया जनजाति मात्र इस क्षेत्र की ही नहीं अपितु समस्त भारतवर्ष की जनजातियों में सबसे अधिक विकसित, खुशहाल और समृद्ध जनजाति हैं। इनकी खुशहाली और समृद्धि गैर जनजातीय व्यक्तियों के लिये भी एक मिसाल है। इस जनजाति का यह विकास किसी विशिष्ट प्राकृतिक सम्पदा अथवा ईश्वरीय वरदान का प्रतिफल नहीं है। बल्कि इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत, लगन व हिम्मत है। उन्होंने प्रतिकूल जलवायु और भीषणतम भौगोलिक परिस्थितियों में प्रसन्नता से जीवन जीने का हुनर भी सीखा और इन कठिन परिस्थितियों ने उनके भीतर छिपे पौरूष को ललकार कर उन्हें व्यापार द्वारा अपनी जिन्दगी को सुखी व खुशहाल बनाने के लिए प्रेरणा भी दी। पारंपरिक रूप से अर्ध-खानाबदोश व्यापारी, भोटिया लोगों को भौगोलिक अलगाव, सामाजिक-आर्थिक बाधाओं और सांस्कृतिक कारकों के कारण औपचारिक शिक्षा तक पहुँचने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। यह शोध पत्र भोटिया समुदाय के बीच शिक्षा और साक्षरता दर की वर्तमान स्थिति की जाँच करता है, उनके सामने आने वाली बाधाओं, शैक्षिक पहुँच में सुधार के लिए किए गए प्रयासों और समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास पर इन पहलों के प्रभाव की खोज करता है।
References
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