सतत् विकास में भारत की भूमिका
Keywords:
सतत विकास, भारत, प्राकृतिक संसाधन, भौतिकतावादी, विकास की सीमाएं, मानवता की आवश्यकताएं, वर्तमान, भविष्य, ब्रंटलैंड रिपोर्ट, मानव समाजAbstract
भारत की भूमिका सतत विकास में महत्वपूर्ण है। भौतिकतावादी समाज में मनुष्य का स्वरूप विकसित हो रहा है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग न केवल वर्तमान पीढ़ियों के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी सुनिश्चित हो। इसके लिए अवधारणाओं की आवश्यकता है जो मानवता की आवश्यकताओं को पूरा करती हों और विकास की सीमाओं को समझाती हों। इस अध्ययन में, हम ब्रंटलैंड रिपोर्ट के दो मुख्य अवधारणाओं को विशेष ध्यान देते हैं - मानवता की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति और विकास की सीमाएं।
References
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