वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की ऐतिहासिक भूमिका : एक विश्लेषण

Authors

  • तरुण प्रकाश असिस्टेंट प्रोफेसर, इतिहास विभाग, दमयंती राज आनंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिसौली, बदायूँ, उत्तर प्रदेश, भारत

Keywords:

वैश्विक अर्थव्यवस्था, आर्थिक सम्बन्ध, व्यापार, विश्व इतिहास, व्यापारिक सम्बन्धों का इतिहास, सामाजिक इतिहास, विविधता

Abstract

वैश्विक अर्थव्यवस्था का वर्तमान स्वरुप में आना एक लम्बी एतिहासिक प्रक्रिया के माध्यम से संपन्न हुआ है। यद्यपि आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के परस्पर जुड़ाव की मात्रा एवं प्रकृति को इतिहास में खोजना सम्भव नहीं है तथापि विभिन्न देशों के व्यापारिक, सांस्कृतिक एवं राजनितिक सम्बन्धो को जानना दुष्कर नहीं है। प्रस्तुत शोध पत्र भारत के शेष विश्व के साथ आर्थिक सम्बन्धो पर केन्द्रित है सांस्कृतिक पक्ष को इसलिए सम्मिलित नहीं किया गया है क्योकि इतने विस्तृत कालखंड के लिए व्यापारिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक सम्बन्धो को सहेजकर शोध पत्र को निर्धारित शब्दों में प्रस्तुत करना सम्भव नहीं है।

References

प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति दृ (के ०सी श्रीवास्तव)।

प्राचीन भारत का इतिहास दृ (डी०एन० झा व के ०एम० श्रीमाली)।

मध्यकालीन भारत भाग 1 दृ (एच०सी० वर्मा)।

मध्यकालीन भारत (1526-1761) दृ (सतीश चन्द्र)।

आधुनिक भारत का इतिहास दृ (वी० एल० ग्रोवर, अलका मेहता)।

द हिन्दू, 19 अक्तूबर 2023।

Worldeconomic.com

बजट भाषण 2024-25

फोर्ब्स इण्डिया, 04-12-2023

www.imf.org.>IND

Downloads

Published

2024-03-30

How to Cite

[1]
प्रकाश त. ., “वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की ऐतिहासिक भूमिका : एक विश्लेषण”, J. Soc. Rev. Dev., vol. 3, no. Special 1, pp. 127–130, Mar. 2024.