महिलाओं के सशक्तिकरण में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का योगदान

Authors

  • डॉ0 वंदना शर्मा राजनीति विज्ञान विभाग, बरेली कालेज, बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत
  • मनोज कुमार श्रीवास्तव शोध छात्र, राजनीति विज्ञान विभाग, एम0 जे0 पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत

Keywords:

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ, आनुशंगिक संगठन, राष्ट्र सेविका समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, महिला सशक्तिकरण, स्त्रीवाद, महिलाओं का प्रतिनिधित्व

Abstract

भारत में महिला सशक्तिकरण के लिये राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ तथा उसके आनुषांगिक संगठनों द्वारा अनेक प्रकल्प तथा गतिविधियाँ सतत् रूप से चलायी जा रही हैं। हालाँकि संघ के खिलाफ समाज में एक भ्रांति फैलायी गयी कि संघ महिला विरोधी है, परन्तु वास्तविकता इससे एक दम से भिन्न है। संघ ने अपनी स्थापना के समय से ही महिला सशक्तिकरण हेतु काफी प्रयास किया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ स्त्रीवाद की यूरोपीय अवधारणा का विरोध करता है जिसमें स्त्री और पुरूष को एक दूसरे के प्रतिद्वन्दी के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है, जबकि संघ और उसके आनुषांगिक संगठन भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं हिन्दुत्व की महान परम्पराओं को संयोजित करते हुये स्त्री और पुरूष को एक दूसरे के प्रतिद्वन्दी नहीं बल्कि पूरक के रूप में देखते हैं।

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Published

2024-03-30

How to Cite

[1]
शर्मा व. and श्रीवास्तव म. क., “महिलाओं के सशक्तिकरण में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का योगदान”, J. Soc. Rev. Dev., vol. 3, no. Special 1, pp. 65–67, Mar. 2024.