बैजनाथ मन्दिर समूह एवं स्थापत्य का ऐतिहासिक अध्ययन

Authors

  • डाॅ0 कमल सिंह इतिहास विभाग, के. के. एस. एस. प्वाईन्ट, कठायतवाडा, नियर पी0 जी0 काॅलेज, बागेश्वर, उत्तराखण्ड, भारत

Keywords:

प्राचीन, वैद्यनाथ, बैजनाथ मन्दिर, स्थापत्य, वास्तुकला, ऐतिहासिकता, पुरातत्व, मूर्तिकला

Abstract

उत्तराखण्ड के वर्तमान जनपद बागेश्वर के गरूड़ तहसील के अन्तर्गत आस्था का प्रमुख केन्द बैजनाथ मन्दिर समूह अत्यन्त प्राचीन है। यह एक प्राचीन शिव मंदिर के रूप विख्यात है। यह नागर शैली पाषाण खंडों से निर्मित है। जिसमें शिवलिंग स्थापित है यह मंदिर समूह धार्मिक और पौराणिक स्थल होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड के इतिहास में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मंदिर समूह गोमती नदी के बांये तट पर स्थित है, यह स्थान कत्यूर धाटी के नाम से भी विख्यात है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार पार्वती से विवाह करने जाते समय भगवान शिव ने अपनी बारात के साथ गोमती के किनारे इसी स्थान पर बैठकर विश्राम किया था। और इस स्थान को वैद्यनाथ नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में लोक मान्यता है कि भगवान शिव के इस स्थान पर बैठने मात्र से ही यहाॅ की समस्त वनस्पति औषधीय जड़ी-बूटी बन गई।
यह मंदिर समूह 17 मंदिर विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित है। इसमें प्रमुख भगवान शिव, पार्वती, गणेश, केदारनाथ आदि हैं और इन मंदिरों का निर्माण काल 9-12 वीं शताब्दी के मध्य माना जाता है। वर्तमान में भी इस मंदिर समूख की मान्यता व धार्मिक विश्वास पूर्व की भांति प्रविष्ठित है। और वर्तमान में यहाॅ उपनयन संस्कार एवं विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी यथा समय किये जाते है जो इसकी लोक मान्यता एवं ऐतिहासिकता को र्दााता है।

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Published

2023-07-25

How to Cite

[1]
सिंह क., “बैजनाथ मन्दिर समूह एवं स्थापत्य का ऐतिहासिक अध्ययन”, J. Soc. Rev. Dev., vol. 2, no. 3, pp. 36–38, Jul. 2023.

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